लेखनी कहानी -19-Jul-2022..... मानसून स्पेशल...बरसातकी रात..
बरसात की रात... (8)
उन दोनों के जाने के कुछ देर बाद विकास भी घर की ओर चल दिया..। वो कुछ दूरी पर गया ही होगा की उसका सामना फिर से प्रकाश से हुआ...। शराब के नशे में विकास की गाड़ी उसकी साइकिल से टकरा गई.... जिसकी वजह से प्रकाश को थोड़ी चोट भी आई....। प्रकाश उठा ओर साइकिल को उठाकर किनारे रख कर विकास पर चढ़ गया...। ये देख वहाँ राह चलते दूसरे लोग भी जमा हो गए.... लेकिन विकास को कुछ बोलने की बजाय वो लोग प्रकाश को शांत करा रहे थे...। इस बात से प्रकाश को ओर ज्यादा गुस्सा आया.... बात बिगड़ने लगी...। प्रकाश और विकास के बीच गाली गलौज और तु तु मैं मैं होने लगी...।
विकास :- हर बार तु जान बुझकर मेरी गाड़ी के सामने ही क्यूँ आता हैं.... अच्छे से जानता हूँ ये सब तु जानबूझकर करता हैं...। हम जैसे रहीस लोगों की गाड़ी से टकरा कर पैसा ऐंठने का धंधा करते हो तुम लोग...।
अपनी जबान को लगाम दो....। तुम जैसा बाप के पैसे पर ऐश करने का और इस तरह से पैसे कमाने का कोई शौक़ नहीं हैं मुझे.... मेहनत की रोटी खाता हूँ... तेरी तरहा हराम का नहीं....।
अबे तेरे पास होगा तो तु ऐश करेगा ना...। हैं क्या तेरे पास....!! चल बोल अभी कितनी किमत चाहिए तुझे... मेरी गाड़ी से टकराने के लिए...। इस पूरे इलाके में इससे बड़ी गाड़ी नहीं मिलेगी तुझे.... दिल खोलकर मांग...।
तुझ जैसे हरामखोर की एक फूटी कोड़ी नहीं चाहिए मुझे....। तु मुझे क्या देगा... तेरे पास खुद का हैं क्या...!!
विकास ये सुनते ही अपना आपा खो बैठा ओर उसने प्रकाश का कोलर पकड़ते हुए उसे जोर से एक धक्का मारा...। जिससे प्रकाश सड़क पर गिर गया ओर उसके चेहरे पर चोट आ गई....। बात को बिगड़ते देख स्थानीय लोगों ने बीच बचाव करते हुवे.... प्रकाश को वहाँ से लेकर उनके घर चले गए...।
घर पहुँच कर लोगों ने उसके साथ हुवे पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा बताया...।
वही दुसरी ओर विकास भी घर पहुंचा ओर गुस्से में तिलमिलाया हुआ था...। उसके कानों में अब जय की बातें बार बार गूंज रहीं थीं....। प्रकाश से बदला लेने की चिंगारी अब आग में बदल चुकी थीं...।
रह रहकर वो अब इस बारे में ही सोच रहा था...। आखिर कार उसने रुही के जरिए प्रकाश से बदला लेने की ठान ली...। उसने तुरंत जय और विजय को फोन किया...और उन दोनों को घर बुलाया...।
विकास गुस्से से आगबबूला था....ओर वो अब प्रकाश को सबक सिखाने के लिए तैयार था...। जय और विजय तो बहुत समय से ऐसे ही मौके की तलाश में थे...। वो दोनों लड़कियों को सिर्फ अपनो जरुरत पूरी करने के लिए प्यार के झांसे में फंसाते थे.... उन्होंने रुही पर भी कोशिश की थीं.... लेकिन जब विकास रुही से प्यार करने लगा तो वो दोनों उसके डर की वजह से शांत हो गए.... लेकिन आज जब विकास उनके बहकावे में आ गया तो वो इस मौके को कैसे छोड़ सकते थे..। तीनों ने मिलकर आज रात को ही रुही को उठाने का प्लान बनाया....। वो अपने प्लान को अंजाम देने के लिए रुही के घर के बाहर पहरा लगाकर बैठ गए....।
मम्मी ...... आप हल्दी लगाओ पापा के जख्म पर मैं मेडिकल स्टोर से दर्द निवारक गोली लेकर आतीं हूँ...।
नहीं बेटा.... अभी इस वक्त मत जा.... अंधेरा हो गया हैं... बाहर बादल घिर आए हैं.... कभी भी बरस पड़ेंगे...।
मम्मी ये बादल सिर्फ हमें चिढ़ाने आतें हैं... बरसने नहीं... ओर मेडिकल की दुकान यहाँ नुक्कड़ पर ही तो हैं.... तुम चिंता मत करो... मैं दो मिनट में आ जाऊंगी...। पापा को कुछ मत बताना वरना वो भी मुझे जाने नहीं देंगे....।
लेकिन रुही....
अरे मम्मी चिल्ल... यूँ गई ओर यूँ आई....। दवाई से यूँ फायदा पर जाएगा....। ऐसे पूरी रात दर्द में कैसे काटेंगे...। अस्पताल तो चलने से रहें.... आप भी अच्छे से जानती हो..। आप भीतर जाओ में बस दो मिनट में आई....।
लेकिन रुही.... .... ले बारिश भी शुरू हो गई...छोड़ अभी दवाई...। हल्दी से फायदा हो जाएगा...।
अरे मेरी जान.... कितने दिनों बाद तो बादल बरसे हैं.... क्यूँ मेरे अरमानों की अर्थी निकाल रहीं हैं....। मुश्किल से तो मौका मिला है.... जाने दे डियर....।
बारिश की फुहार रुही की जिंदगी में क्या तुफान लाती है.... जानते हैं अगले और अंतिम भाग में...।
shweta soni
08-Aug-2022 11:06 AM
सुंदर प्रस्तुति 👌
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MR SID
08-Aug-2022 10:24 AM
Nice
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Khushbu
08-Aug-2022 09:47 AM
Nice part 👌
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